दिल यह कहता है इन आंखों में कई सपने हैं,
यह सपने मेरी सासों की तरह मेरे अपने हैं
ख्वाब का रंग उम्मीदों में नज़र आता है,
अनजानी राहों को चूम कर यह और निखर जाता है
मेरे हर दर्द में यह मेरा मरहम हैं,
येही मेरे दोस्त मेरे हमदम हैं
यह सपने और कुछ नही मेरी परछाईं हैं,
मुझे नींद से जगाने वाली यह अंगडाई हैं
नजाने क्या होता गर यह सपने नही होते,
खुदा को शुक्रिया की यह नही मरते
गर यह सपने कामयाब हुए तो एक मशाल जलाएंगे,
मेरे जाने के बाद दुनिया को मेरी याद दिलाएंगे....
Saturday, March 21, 2009
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